Nojoto: Largest Storytelling Platform

मूँदकर आँख जिसने प्रेम को पूजा था कभी, मैंने उसके

मूँदकर आँख जिसने प्रेम को पूजा था कभी,
मैंने उसके दिल में नफरत की आग को जलते देखा है।
 तमाम वादों की बुनियाद पर रिश्ता बनाकर,
मैंनें लोगों को अक्सर मुकरते देखा है।
अच्छे वक्त में मुँह दिखाकर बुरे वक्त में नज़रें घुमा ली,
मैंनें रिश्तों को इस कदर बदलते देखा है।
दोस्त कहकर दुश्मनों से बदतर सलूक कर दिया,
मैंनें अहबाबों की नीयत को भी फिसलते देखा है।
देते हैं आशीर्वाद बच्चों को बड़ा होने का,
मैंनें उन बड़ों को बचपन के लिए तरसते देखा है।
मूँदकर आँख जिसने प्रेम को पूजा था कभी,
मैंने उसके दिल में नफरत की आग को जलते देखा है।
 तमाम वादों की बुनियाद पर रिश्ता बनाकर,
मैंनें लोगों को अक्सर मुकरते देखा है।
अच्छे वक्त में मुँह दिखाकर बुरे वक्त में नज़रें घुमा ली,
मैंनें रिश्तों को इस कदर बदलते देखा है।
दोस्त कहकर दुश्मनों से बदतर सलूक कर दिया,
मैंनें अहबाबों की नीयत को भी फिसलते देखा है।
देते हैं आशीर्वाद बच्चों को बड़ा होने का,
मैंनें उन बड़ों को बचपन के लिए तरसते देखा है।