जर्जर हुई काया से, बड़े बोझ ना उठाऊंगी पर उसके भी तरीके, मैं बेहतर बताऊंगी हल उलझनों के होंगे, तुम पास मेरे आओ दुनिया बनाने का भी, मैं हुनर सिखाऊंगी ©अखण्डेश ओझा #बुढिया_माई