221 2122 221 2122 नेता करेंगे फिर से चिंता किसानों की अब।। फ़ेहरिस्त वो बनाएंगे झूठे वादों की अब।। ख़ातिर वो वोट के अपना सर झुका के आये। पूछेंगे ख़ैरियत मेरी पांच सालों की अब।। सबने ही लूटा मिलके हिन्दोस्तां हमारा। मत करना तुम कभी भी बातें मिसालों की अब।। सरगोशियों में आओ नज़दीकियां बढ़ाओ। करनी है बातें मुझको उन वस्ल रातों की अब।। आते हैं जीमने को, देते लिफ़ाफ़े ख़ाली। गठरी सी बन गई है ख़ाली लिफ़ाफ़ों की अब।। गिरदाब में फँसी थी कश्ती वो लौट आई। हैं ये रवानियाँ सारी तेरी मौजों की अब।। खाने को वो "सफ़र" को देता नहीं है कुछ भी। रखता हिसाब है वो सारे निवालों की अब।। #gazal #shayari #yqbaba #yqdidi #सफ़र_ए_प्रेरित #life #philosophy Hayaat Usman Sushma sagar Jannat Zahaan