अब कह रहे हो यार मुहब्बत ख़राब है । समझा दिया था पहले ही ये लत ख़राब है । फिरता है फ़िर से चाक गिरेबां किए हुए । फ़िर से तेरे दीवाने की हालत ख़राब है । # bilal saharanpuri# ©Azeem Khan #bilal saharanpuri poetry#