जख्मों से छटपटाहट, उसे भी उतनी ही हुई, जितनी तुझे, फर्क महज इतना, तुझे मरहम लगाने वाले अनेक मिले, उसे महज खड़े होकर देखने वाले मिले| @रुचि झा #जख्म