किसी को बता भी ना पाऊ खुद से छुपा भी ना पाऊ तेरी यादों में खुद को रूला भी ना पाऊ खामोश निःशब्द रहती हूँ जमाने के आगे भीतर के तुफान को खुद में समेट भी ना पाऊ चेहरे पर चेहरा रहता है मुस्कुराता हुआ खुद के अश्को को आईने से छुपा भी ना पाऊ चिखती चिल्लाती हूँ मैं अंदर ही अंदर तकलीफ किसी को बता भी ना पाऊ ना आएगा तू लौटकर कभी इस बात का यकीं खुद को दिला भी ना पाऊ। @kajalsaprabhupremi #Opp#osite_of_love #love