सोचती हूं कि प्रियतम कैसा दिखता होगा! सोचती हु की प्रियतम कैसे रहता होगा!! सोचती हूं कि प्यारा विलक्षण कितना होगा! अपार करुणानिधि करुणा कैसे दर्शाता होगा!! मग्न हो उसके खाबों की जन्नत में!! बस सोच सोच कर ही सीमित करती होंगी! कोई अलबेली सरकार का सहारा लेती होंगी!! ठाकुर के पास जाने का रास्ता नापती होंगी! इस किसोरी के ऐसे भाग कहा? जो रसिको की गली में प्रियतम उसे हँस के गले लगाता होगा।।।। ©Kisori मेरो विलक्षण करुणानिधि!! रसिकेश्वर घनश्याम