जब मैं खुद को पीछे मुड़ कर देखता हूं।। खुद को हजारों गुनाहों का सरताज पता हूं। मिट गई हस्ती मेरी, सजाए आम का दीदार होगा।। भगवान के दरबार में मेरी गुनाहों का हिसाब होगा। वो खाता लिखने वाला, शायद सब अच्छे से लिखता हो।। जिन गुनाहों में दूसरे ज्यादा ज़िम्मेदार हो, उनको बराबर सजा देता हो।। ©0 Read, like, comment and share #WoNazar #Nojoto #nojotohindi #Love #Life #Satya #Maut #Jiwan #Gifts