तुम झील तो मैं कोई साहिल हूँ, मैं तो बस कुछ बूंदे ही हूँ। तुम तो पूरी बरसात हो। मरने को आशिक तैयार जिसपर , तुम वो ही कायनात हो। झील बना मुझको भी कभी, 'साहिल' बन कर तो,मैं बस बर्बाद हूँ। ना तेरा कोई वजूद मुझ बिन, मैं भी कहा तुझ बिन आबाद हूँ। झील आगे सहिल