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धूल-धुसरित और गले-सड़े, वर्षों से हृदय के तल में प

धूल-धुसरित और गले-सड़े,
वर्षों से हृदय के तल में पड़े।
ये सदा ही चुभते रहते हैं,
आँखों से अश्रु बहते हैं।
बहुत हुआ, अब कितना सहूँ?
कब तक मैं कुछ भी न कहूँ?
इक आखिरी बार, तुम आना,
इस बार बड़ा दिल तुम लाना।
खुद को अब माफ़ करने दो,
दिल को अब साफ़ करने दो।
अधूरे पड़े वो वादे ले जाना,
सुनो,अपनी यादें ले जाना।। अपनी यादें ले जाना। #vks #yqhindi #yqdidi #yqbaba #yqmuzaffarpur #yqgudiya
धूल-धुसरित और गले-सड़े,
वर्षों से हृदय के तल में पड़े।
ये सदा ही चुभते रहते हैं,
आँखों से अश्रु बहते हैं।
बहुत हुआ, अब कितना सहूँ?
कब तक मैं कुछ भी न कहूँ?
इक आखिरी बार, तुम आना,
इस बार बड़ा दिल तुम लाना।
खुद को अब माफ़ करने दो,
दिल को अब साफ़ करने दो।
अधूरे पड़े वो वादे ले जाना,
सुनो,अपनी यादें ले जाना।। अपनी यादें ले जाना। #vks #yqhindi #yqdidi #yqbaba #yqmuzaffarpur #yqgudiya