पांडवों को मिटाने की खातिर कौरवों ने मिलकर रचा एक अभेद्य चक्रव्यू। अर्जुन जानता था इस चक्रव्यूह को तोड़ना धोखे से भेज दिया था बहुत दूर। सुभद्रा- अर्जुन का पुत्र अभिमन्यु जिसने कोख में सुना था तोड़ना चक्रव्यूह। चक्रव्यूह से बाहर निकलने का भेद ना सुन पाया था सुभद्रा को आ गई थी नींद। कौरवों के अभेद्य चक्रव्यूह की चाल से थे सभी पांडव बिल्कुल भी अनजान। चक्रव्यूह रचा गया था पांडवों को फंसाकर उसमे उनकी लेने के लिए जान। जान करके ना निकल पाएगा कभी चक्रव्यूह से डरा नहीं बिल्कुल घुस गया। अभिमन्यु की वीरता को देखकर कौरव हो गए थे निराश और बहुत परेशान। चक्रव्यू के आखिरी चरण में पहुंचकर अभिमन्यु था निकलने से अनजान। हिम्मत ना हारा बिल्कुल भी रथ का पहिया लेकर प्रहार करने लगा सभी पर। कर्ण, दुर्योधन और द्रोणाचार्य ने साथ मिलकर ली धोखे से अभिमन्यु की जान। अभिमन्यु वीरता से लड़ा और लड़कर जान देकर इतिहास में नाम बना गया। जब अर्जुन पुनः युद्ध भूमि में आया पुत्र को चक्रव्यूह में घिरा देख बहुत पछताया। कर्ण को स्वयं ही मारेगा और कौरवों के वंश का नाश करेगा ऐसा प्रण उठाया। Aaj ka topic abhimanyu vadh hai... Results soon... #abhimanyu_karna_arjun #collab #yqbaba #yqdidi #krishnalove #myquote Time limit: till 10:00 pm tonight No word limit You have to maintain these hashtags