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कांच की किरचीयों के जैसे, ख्वाब सारे टूट गए मिलो

कांच की किरचीयों के जैसे,  ख्वाब सारे टूट गए
 मिलो दूर मेरे अपने, शायद मुझसे छूट गए
 जैसे-जैसे पल ये गुजरा, किस्मत मुझसे रूठ गई 
 एक सुनामी आई फिर, और खुशियां मेरी लुट गई

©✍️verma priya #Nojoto #Poetry #kanch #thought
कांच की किरचीयों के जैसे,  ख्वाब सारे टूट गए
 मिलो दूर मेरे अपने, शायद मुझसे छूट गए
 जैसे-जैसे पल ये गुजरा, किस्मत मुझसे रूठ गई 
 एक सुनामी आई फिर, और खुशियां मेरी लुट गई

©✍️verma priya #Nojoto #Poetry #kanch #thought