विरह व्यथित हैं मन यह मेरा, साज ना श्रँगार कोई तन को भावे। हे नाथ ,अनाथ बनाकर तुम, क्यो तन्हा मुझको छोड़ गये। साथ सात फेरो के, सात जन्मों तक साथ निभाने का वचन ले, बीच राह मे मुझे अकेला छोड़ गये। आयुष पंचोली ©ayush_tanharaahi #NojotoQuote #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayusoi