"जिन्दगी की दौड़ में, तजुर्बा कच्चा ही रह गया...।" " हम सीख न पाये 'फरेब'* और दिल बच्चा ही रह गया...।" "बचपन में जहां चाहा हँस लेते थे, जहां चाहा रो लेते थे...।" "पर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए, और आंसुओ को तन्हाई..।" "हम भी मुस्कराते थे कभी बेपरवाह अन्दाज़ से..." देखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों में ..। "चलो मुस्कुराने की वजह ढुंढते हैं... तुम हमें ढुंढो...हम तुम्हे ढुंढते हैं .....!!" #yqbaba #yqdidi #notmine #beautiful #readsomewhere