Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat तुझे सोचने का मज़ा कुछ और है। नए ज़ख्मों में मरहम का दस्तूर है। ज़ख़्मो पर नमक को कुरेंदता जलन। में मखोंल ज़माने का दस्तूरं है। तुझे सोचने का मज़ा कुछ और है। ताज़ा खबर अफ़वाहों की तरह। फैसला हमारा था लोगों ने बदलें। की आग फ़ैल गई। बैठक में जमीं पर पचायात में नए। सवाल उठाए।सोचने में पाबंदी लगानी। चाही।हर बात पर ताने कसे जाते। बेपरवाह दुनियां से दूर सोच थी मेरी। बेख़ौफ जवाबों के आगे मेरे धुटनें टेक दिए गए। सोचते रहने का भी अपना ही आनंद है। #तुझेसोचना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat तुझे सोचने का मज़ा कुछ और है। नए ज़ख्मों में मरहम का दस्तूर है। ज़ख़्मो पर नमक को कुरेंदता जलन।