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मिला है कौन सा मकाम सोचते रहे , मुसलसल हम ये सुबह-

मिला है कौन सा मकाम सोचते रहे ,
मुसलसल हम ये सुबह-ओ-शाम सोचते रहे !

जुनून-ए-इश़्क था , उतर गए हम दरिया में 
वो साहिल पे खड़े अंजाम सोचते रहे !!

जो कतरा गिरा बागो में मेरी आँखों का ,
वो नादाँ उसे गुलफ़ाम सोचते रहे !
 
खुद़ा भी कैद है अदा-ए-मोहब्बत में कि
इस इबादत को वो इल्ज़ाम सोचते रहे !!

ज़हर पिलाया उन्होंने बड़ी ही शिद्दत से ...
और हम चाहत का उसे जाम सोचते रहे !

लुटा के हर खुशी हमने जिसे सँवारा था ,
जो रू-ब-रू हुए , वो नाम सोचते रहे !!

—Shikha✍ #naam #ghazal #mywords #Nojoto #nojotohindi #nojotoenglish #nojotoghazal #Shikhasharma #नाम #ग़ज़ल
मिला है कौन सा मकाम सोचते रहे ,
मुसलसल हम ये सुबह-ओ-शाम सोचते रहे !

जुनून-ए-इश़्क था , उतर गए हम दरिया में 
वो साहिल पे खड़े अंजाम सोचते रहे !!

जो कतरा गिरा बागो में मेरी आँखों का ,
वो नादाँ उसे गुलफ़ाम सोचते रहे !
 
खुद़ा भी कैद है अदा-ए-मोहब्बत में कि
इस इबादत को वो इल्ज़ाम सोचते रहे !!

ज़हर पिलाया उन्होंने बड़ी ही शिद्दत से ...
और हम चाहत का उसे जाम सोचते रहे !

लुटा के हर खुशी हमने जिसे सँवारा था ,
जो रू-ब-रू हुए , वो नाम सोचते रहे !!

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