एक पूरा ब्रह्माण्ड जन्म लेता है माँ की कोख में बच्चे के साथ जहां एक सूरज है चन्द्रमा के साथ जहाँ हर रोज़ नया सवेरा होता है जिज्ञासा की किरणों के साथ जीवन के सारे बंधन से परे स्वछन्द घूमता है वो बन्द मुठ्ठी के साथ सहसा वो नन्हा सा मुस्कुरा उठता है जब वो देखता है कि तारों को टिमटिमाते हुए एक साथ #अबोध