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bench मेरी नजर कब तुम्हें देखने लगी प्यार से मुझे

bench मेरी नजर कब तुम्हें
देखने लगी प्यार से
मुझे पता न चला 
मेरा दिल पराया हो चुका है
सच कह रहा हूँ तुम्हारा हो चुका है
अब तुम मान भी जाओ यार 
मुझे अपना बना लो यार

अब बढ़ चुके हैं कदम तुम्हारी ओर
तो वापस मोढूंगा नहीं
मैं दीवाना हूँ कि
बिना मंजिल पाए लौटूँगा नहीं

हरसते बदल रही हैं रूप अपना
मन में रंग बिखर गए हैं
जो जीने की चाहत बढा रहे हैं 
वो तुम्हारे ख्वाब नए हैं

वादा कर लो साथ निभाने का
मेरे संग इस जनम का
कम-से-कम है ये ख्वाहिश
नहीं तो कर लो सातों जनम का

©Singh Shayar
  #Bench
singhshayar9971

Singh Shayar

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#Bench

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