काश की हम चाय हो जाते, काश!की हम चाय हो जाते तेरे होठो से हर सुबह चूमे जाते, काश!की हम चाय हो जाते हर दिन,तेरे होठों से लगते समय खुद पर इतराते, काश की हम चाय हो जाते, अपने साँवले रंग पर भी हम नाज कर पाते, काश!की हम चाय हो जाते तेरे गले से उतरते हर एक घुट में, इक जन्म जी जाते, काश!की हम चाय हो जाते, न मिलते हम,तो तुम हमे ढूंढने में लग जाते, काश!की हम चाय हो जाते Saket..✍️ Z@inab.Ã Ashraf Fani Kabir 【Ashraf Fani @🇬oogle search