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" मेरे लिए तुम कौन हो " तुम हीर हो, तुम नीर

" मेरे लिए तुम कौन हो "

   तुम हीर हो, 
  तुम नीर हो, 
  तुम हाथों की लकीर हो,
 तुम जीवन की तकदीर हो। 

खयालों में तुम , 
यादों में तुम , 
धड़कनों में तुम, 
 हर एक सांस में तुम। 

 तुम जैसा कभी सोचा नहीं ,
तुम जैसा कभी दिखा नहीं, 
तुम जैसा कभी मिला नहीं ,
तुम जैसा कभी पाया नहीं । 

 मिले तुम तो तमन्नाएं पूरी हुई,
 मिले तुम तो हसरतें पूरी हुई , 
मिले तुम तो आरजू पूरी हुई , 
मिले तुम तो जिंदगानी शुरू हुई।  
         धन्नो #mynewpoetry
" मेरे लिए तुम कौन हो "

   तुम हीर हो, 
  तुम नीर हो, 
  तुम हाथों की लकीर हो,
 तुम जीवन की तकदीर हो। 

खयालों में तुम , 
यादों में तुम , 
धड़कनों में तुम, 
 हर एक सांस में तुम। 

 तुम जैसा कभी सोचा नहीं ,
तुम जैसा कभी दिखा नहीं, 
तुम जैसा कभी मिला नहीं ,
तुम जैसा कभी पाया नहीं । 

 मिले तुम तो तमन्नाएं पूरी हुई,
 मिले तुम तो हसरतें पूरी हुई , 
मिले तुम तो आरजू पूरी हुई , 
मिले तुम तो जिंदगानी शुरू हुई।  
         धन्नो #mynewpoetry