#5LinePoetry मैं डूबाता रहा रोग के भंवर में..... कोई सहारा न बना अपनो की भीड़ में.... ताना-वाना बुनने वालों में मेरा मुक़द्दर भी मजे ले रहा था… गंगा जमुना बहा रहा था आँखों से जो बेजान जिश्म से लिपटकर मेरे ...... कैसे कह दूं कि वही मेरा कातिल है मुँहब्बत कि निगरानी तनी है ............. 🤔निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey मैं डूबाता रहा रोग के भंवर में..... कोई सहारा न बना अपनो की भीड़ में.... ताना-वाना बुनने वालों में मेरा मुक़द्दर भी मजे ले रहा था… गंगा जमुना बहा रहा था आँखों से जो बेजान जिश्म से लिपटकर मेरे ...... कैसे कह दूं कि वही मेरा कातिल है मुँहब्बत कि निगरानी तनी है ............. 🤔निशीथ🤔