छत्तीसगढ़ी गीत मौसमें बहारा लहरा के आवत हस, बलखा के जावत हस, मन म समावत हस, दिल ल तड़पावत हस, छिन भर आके, छिन म उड़ जावत हस, दीदार दे, दीदार दे, दीदार दे मौसमें बहारा ।। तैं जो एक बार खिलखिला के कहीं मुश्कुरा दे, आसमान म चमकत सितारा सरमा जाये, झुकती नज़र के इशारा कहीं तीर बन जाथे, पलकें जो उठे कहीं जवां धड़कन के सहारा बन जाथे ।। लहरा के आवत हस, बलखा के जावत हस, मन म समावत हस, दिल ल तड़पावत हस, छिन भर आके, छिन म उड़ जावत हस, दीदार दे, दीदार दे, दीदार दे मौसमें बहारा ।। बरस जा सावन के पहली फुहार बन के, छागे हस कईसे मन म खुंमार बन के, हुस्न के गुलाम बनगे हे ये क़ायनात ह तोर, तभेच हर मौसम म ख़ुशबू बसे रहिथे तोर ।। लहरा के आवत हस, बलखा के जावत हस, मन म समावत हस, दिल ल तड़पावत हस, छिन भर आके, छिन म उड़ जावत हस, दीदार दे, दीदार दे, दीदार दे मौसमें बहारा ।। सु मधुर #छत्तीसगढ़ी_गीत #chhattisgarh #chhattisgarhi #लहरा के आवत हस, #बलखा के जावत हस, मन म #समावत हस, दिल ल तड़पावत हस, छिन भर आके, छिन म उड़ जावत हस, #दीदार दे, दीदार दे, दीदार दे #मौसमें बहारा ।।