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तेरा अनंत कैसे, उपकार मैं भुलाऊँ भूला हूँ राह अपनी

तेरा अनंत कैसे, उपकार मैं भुलाऊँ
भूला हूँ राह अपनी, घर लौट कैसे आऊँ...
ममता का दूध मुझको, लगता रहा है पानी
है आज तक न कोई भी बात मैंने मानी
तेरी आंख से बहे जो, वो ख्वाब कैसे लाऊँ
भूला हूँ राह अपनी, घर लौट कैसे आऊँ...
उंगली पकड़ के मुझको, चलना था जो सिखाया
उफ़ तक करी न तुमने, कितना भी हो सताया
वो दर्द दे के कैसे, मैं आज मुस्कुराऊँ 
भूला हूँ राह अपनी, घर लौट कैसे आऊँ... 
लग जाये चाहे मेरी, सारी ये ज़िंदगानी
न हो सके बयाँ यह, तेरी करुण कहानी 
जीवन दिया जो मुझको, कैसे वो भूल पाऊँ 
भूला हूँ राह अपनी, घर लौट कैसे आऊँ...
वो ऋण तेरा है इतना, जितना विशाल सागर
भरना भी चाहूँ तो भी, खाली रहेगी गागर
असमर्थ भी हूँ कितना, कण भर चुका न पाऊँ
भूला हूँ राह अपनी, घर लौट कैसे आऊँ... A song dedicated to Ma and Papa
तेरा अनंत कैसे उपकार मैं भुलाऊँ
भूला हूँ राह अपनी घर लौट कैसे आऊँ...
#yqbaba
#yqdidi
#adarshtantra
#mapapa
#yqsong
तेरा अनंत कैसे, उपकार मैं भुलाऊँ
भूला हूँ राह अपनी, घर लौट कैसे आऊँ...
ममता का दूध मुझको, लगता रहा है पानी
है आज तक न कोई भी बात मैंने मानी
तेरी आंख से बहे जो, वो ख्वाब कैसे लाऊँ
भूला हूँ राह अपनी, घर लौट कैसे आऊँ...
उंगली पकड़ के मुझको, चलना था जो सिखाया
उफ़ तक करी न तुमने, कितना भी हो सताया
वो दर्द दे के कैसे, मैं आज मुस्कुराऊँ 
भूला हूँ राह अपनी, घर लौट कैसे आऊँ... 
लग जाये चाहे मेरी, सारी ये ज़िंदगानी
न हो सके बयाँ यह, तेरी करुण कहानी 
जीवन दिया जो मुझको, कैसे वो भूल पाऊँ 
भूला हूँ राह अपनी, घर लौट कैसे आऊँ...
वो ऋण तेरा है इतना, जितना विशाल सागर
भरना भी चाहूँ तो भी, खाली रहेगी गागर
असमर्थ भी हूँ कितना, कण भर चुका न पाऊँ
भूला हूँ राह अपनी, घर लौट कैसे आऊँ... A song dedicated to Ma and Papa
तेरा अनंत कैसे उपकार मैं भुलाऊँ
भूला हूँ राह अपनी घर लौट कैसे आऊँ...
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