की कड़ी हो "तुम" कभी खुशियों की लड़ी तो कभी गमों की झड़ी हो तुम कभी सुनहरी धूप तो कभी तपती दोपहरी हो तुम मुद्दतों के इंतज़ार के बाद मुकम्मल वो घड़ी हो "तुम".. ✍️progress~ एक ख़ूबसूरत #collab Rest Zone की ओर से। #सचऔरझूठ #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #progress #मुद्दतों_बाद #मुकम्मलजिन्दगीकाख़्वाब #yqdidi