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काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था, खेलने की मस्

काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था, खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था, कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में, वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था। RJ motivation show 
with 
jitu Chourasiya
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था, खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था, कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में, वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था। RJ motivation show 
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jitu Chourasiya