विषय :- रिश्तों का मायाजाल (09-10-2021) **************************************** कोई नहीं अपना पराया, सब रिश्तों का मायाजाल है। दिखावट की दुनिया में जी रहे हैं, सबका यही हाल है। करते है बात अहमियत की, पर अहम सबमें भरा है। ढूँढ़ते हैं रिश्तों में मतलब, यहाँ सब कुछ गोलमाल है। कहते हैं तुम दिल के करीब हो, दूरी बनाकर रखते हैं। बातों में लुभाने की मानसिकता, यही सूरत-ए-हाल है। अपना पराया कुछ भी नहीं, मतलब निकलना चाहिए। मतलब पूरा करने का, सबका लक्ष्य यही विशाल है। सोच में सबकी पत्थर पड़ गए, रिश्ते सब बेमानी हैं। हाल कोई पूछे तुम्हारा, समझना मतलब का सवाल है। विषय :- रिश्तों का मायाजाल (09-10-2021) कोई नहीं अपना पराया, सब रिश्तों का मायाजाल है। दिखावट की दुनिया में जी रहे हैं, सबका यही हाल है। करते है बात अहमियत की, पर अहम सबमें भरा है। ढूँढ़ते हैं रिश्तों में मतलब, यहाँ सब कुछ गोलमाल है।