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करनी से कारन बने, मन में उपजे बैर करनी जो मनभाव हो

करनी से कारन बने, मन में उपजे बैर
करनी जो मनभाव हो, तो समझो सब खैर नमस्ते दोस्तों। 
तृतीय चैलेंज है दोहा लेखन। 

दोहा एक मात्रिक छंद है- चार चरणोंवाला प्रसिद्ध छंद। इसके दो पद होते हैं तथा प्रत्येक पद में दो चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13  मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं। दोहे में चारों चरणों को मिलकर कुल 48 मात्राएं होती हैं। द्वितीय तथा चतुर्थ चरणों के अंत में एक गुरु और एक लघु मात्रा का होना आवश्यक होता है। 
दोहे लिखना बहुत ही आसान है, बस मात्राओं का ध्यान रखें। इसकी रचना करते समय एक बार इसे जरूर गायें और उसके बाद लिखकर मात्राओं की जांच करिए।

उदाहरण -
करनी से कारन बने, मन में उपजे बैर
करनी जो मनभाव हो, तो समझो सब खैर नमस्ते दोस्तों। 
तृतीय चैलेंज है दोहा लेखन। 

दोहा एक मात्रिक छंद है- चार चरणोंवाला प्रसिद्ध छंद। इसके दो पद होते हैं तथा प्रत्येक पद में दो चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13  मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं। दोहे में चारों चरणों को मिलकर कुल 48 मात्राएं होती हैं। द्वितीय तथा चतुर्थ चरणों के अंत में एक गुरु और एक लघु मात्रा का होना आवश्यक होता है। 
दोहे लिखना बहुत ही आसान है, बस मात्राओं का ध्यान रखें। इसकी रचना करते समय एक बार इसे जरूर गायें और उसके बाद लिखकर मात्राओं की जांच करिए।

उदाहरण -
akankshagupta7952

Vedantika

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नमस्ते दोस्तों। तृतीय चैलेंज है दोहा लेखन। दोहा एक मात्रिक छंद है- चार चरणोंवाला प्रसिद्ध छंद। इसके दो पद होते हैं तथा प्रत्येक पद में दो चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं। दोहे में चारों चरणों को मिलकर कुल 48 मात्राएं होती हैं। द्वितीय तथा चतुर्थ चरणों के अंत में एक गुरु और एक लघु मात्रा का होना आवश्यक होता है। दोहे लिखना बहुत ही आसान है, बस मात्राओं का ध्यान रखें। इसकी रचना करते समय एक बार इसे जरूर गायें और उसके बाद लिखकर मात्राओं की जांच करिए। उदाहरण -