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कमलेश,पंछी उदास बैठे हैं अब आशियाने जो उजड़ गये उनक

कमलेश,पंछी उदास बैठे हैं अब
आशियाने जो उजड़ गये उनके सब
अल सुबह जब होती थी भोर
वह चिड़ियों का कलरव, शोर
यारा जाने कहां हो गया विलीन
उनके मिटने का होता नहीं यकीन।

©Kamlesh Kandpal
  #Panchi