मेरी साँसों में बिखर जाओ तो अच्छा है... बन के रूह मेरे जिस्म में उतार जाओ तो अच्छा है... किसी रात तेरी गोद में सिर रख कर सो जाओं मैं... उस रात की कभी सुबह ना हो तो अच्छा है... riyaz Riyaz