बड़ी बेशर्म थी वो कहकर गुज़रने वाले कभी उसकी मजबूर मुहब्बत को जाना होता,,। उसके मुस्कान में छुपी उसके दर्द को पहचाना होता,,। जिसके आने पे महफ़िल सज जाया करती थी वो अकेले रात में कितना रोया करती थी ,,। कभी उसकी आँखो के ख़ाली पन को महसूस किया होता बड़ी बेशर्म थी वो बाग़ी क्यूँ बनी कभी उसके दिल में झाकर देखा होता,,,। आ जाती लाज खुद पर ,,बेशर्म नही मजबूर थी कितनी वो अगर कभी ए जाना होता...।। #NojotoQuote besharmi majburi bhi ho skti hai#besharmi#gam#shayari#poem#poetry#kjk#shayara#meri_kalam_se#Nojoto#kavita#quotes#thought#