बारीश का मौसम, दिल मे तुफान था आने वाला वो मेहमान, मेरा महबूब था छोड़ किसी मजबूरी में जो दूर गया था होने वाला आज फिर उनसे मुलाक़ात हैं। ना कैसी बेचैनी होगी उनकी आँखों में, जज्बातों का कैसा वो तूफ़ां होगा मंजर वो मिलन का कुछ अनोखा ही होगा माथे को चुमते हुए बाहों के घेरे रहेंगे वो जब #फिरमुलाक़ात #Shayari #Romanticlines #NojitoShayari