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जबसे ये बारिशों के दिन आये है, लगता है मन पर भी बद

जबसे ये बारिशों के दिन आये है,
लगता है मन पर भी बदरा छाये हैं।

जब कभी देखते हैं हम ये बारिशें,
साथ में पलकों को भीगा पाये हैं।

काले काले बदरा जो न भी बरसे,
बाहर सूखे मगर अंदर नमी लाये हैं।

घुमड़ घुमड़ करते हुए काले बदरा, 
अंदर अजब सी हलचल मचाये हैं। 

क्यों सखी बारिश के दिन हैं आते,
ये बादल मन की प्यास जगाये हैं।

©सखी #baarish #बादल #दिल #
जबसे ये बारिशों के दिन आये है,
लगता है मन पर भी बदरा छाये हैं।

जब कभी देखते हैं हम ये बारिशें,
साथ में पलकों को भीगा पाये हैं।

काले काले बदरा जो न भी बरसे,
बाहर सूखे मगर अंदर नमी लाये हैं।

घुमड़ घुमड़ करते हुए काले बदरा, 
अंदर अजब सी हलचल मचाये हैं। 

क्यों सखी बारिश के दिन हैं आते,
ये बादल मन की प्यास जगाये हैं।

©सखी #baarish #बादल #दिल #