'A Message From Graveyard' दुआ करता था, तुझे कभी ये मालूम ना चले क्यों मै तुझे छोर गया, यूं मुझे बदनाम ना कर शायेरियो के महफ़िल में, कोई तो मजबूरी होगी जो तुझे यूं छोर गया। ऐलान करता हूं ये बात आज इन शायरी यो की महफ़िल में, के मै कल भी तेरा था, और आज भी तेरा हूं, मैंने दिल से तुझे कभी ना छोर गया। ये बात है उस दिन की, जब तुझे मिलने तेरे घर गया, पर तू ना थी वहा, लेकिन थे बोहोत अजनबी लोग वहा, वो सारे मुझ पर टूट गया। अन लोगो ने खेला खून का खेल ऐसा, के जिस्म से छोर कर रूह गया, कुछ ऐसा खेल वो सारे खेल गया, मै हूं आज दफन तेरेही घर के आंगन में, पर तुझे कभी ना पता चले, कुछ ऐसा खेल वो सारे लोग खेल गया। मै कल भी तेरा था, और आज भी तेरा हूं, मैंने दिल से तुझे कभी ना छोर गया। #NojotoQuote A Message From Graveyard दुआ करता था, तुझे कभी ये मालूम ना चले क्यों मै तुझे छोर गया, यूं मुझे बदनाम ना कर शायेरियो के महफ़िल में, कोई तो मजबूरी होगी जो तुझे यूं छोर गया। ऐलान करता हूं ये बात आज इन शायरी यो की महफ़िल में, के मै कल भी तेरा था, और आज भी तेरा हूं, मैंने दिल से तुझे कभी ना छोर गया।