रोल नम्बर एक.... अमर ! अरे ये तो मै सॉरी सर... तुम कहा खोये रहते हो पागल हो क्या .... सर वो अवाज तो जा चुकी है ... क्या कहा ! जा चुकी .... चुप ! नही सर सुने , जब से वो जा चुकी मे जहाँ भी हूँ , हो कर भी होता नही... जैसे अब भी नही हूँ सर आप समझे सर !...नही मैं और कुछ बताने से काशिर हूँ सर आप लिख दिजीये गैर हाजिर हूँ सर... ©amar gupta #गैर हाजिर हूँ सर... #writer