इन परिंदों की तरह उड़ जाने को मन करता है बंदिशों से सारी आज़ाद हो जाने को मन कहता है सारा आसमाँ मेरा ही हो उड़ने को कोई रोक टोक नहीं हो पंख लग जाए तो कौन जमीं पर रहता है... पेड़ छत मुंडेर बिजली के तार बैठे मिले मेरे सब यार दोस्त जहाँ पाएँ फिर दुश्मन कहाँ दिखता है... सुप्रभात। इन परिंदों की तरह हम, अपने पर खोल के आकाश में उड़ान भरें। ख़ुद को आज़ाद करें। #परिंदोंकीउड़ान #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #pra