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आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रहीं,बच गए वो पेड़ जि

आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रहीं,बच गए वो पेड़ जिनमें हुनर लचकने का था। ##हुनर लचकने का...@@@
आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रहीं,बच गए वो पेड़ जिनमें हुनर लचकने का था। ##हुनर लचकने का...@@@