आंसुओं में बदल दिया मुस्कुराहट को , एक इंसान के लिए खो दिया जमाने को , जमाने के लिए उस इंसान ने भुला दिया हमको , हमने भुला दिया मुस्कुराहट को , हमने अपना मान लिया आंसुओं को , उस इंसान ने जमाने के लिए भुला दिया हमको , आंसुओं में बदल दिया मुस्कुराहट को , आंसुओं में बदल दिया मुस्कुराहट को , जमाने में छोड़कर तनहा कर दिया हमको , एक इंसान इस कदर तोड़ दिया हमको , कि उसके जाने के बाद हर किसी ने बीच मझधार में छोड़ दिया हमको , आंसुओं में बदल दिया मुस्कुराहट को ।। ©ऋषभ वर्मा (R.V.) tod diya #SAD