यूँ गुज़रने को, गुज़र जाते हैं दिन मगर, डराते हैं रातों के साये उन्हें, आँखें गुहार करें नींदों की, एक वहशियत तो मुझ में भी ज़िंदा है कहीं... _Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "वहशी" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको मैं अपने प्रोफाइल से testimonial करूंगा! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।