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कोई पूछे अपना और पराया, अब सहारा बस तू है, झांक कर

कोई पूछे अपना और पराया,
अब सहारा बस तू है,
झांक कर देख मेरे अंदर,
मेरी सांसों में समाया बस तू है,
अब तू ही मेरी मंजिल, तू ही मेरा रास्ता,
मैं सिर्फ एक राही, ठिकाना मेरा तू है,

मैं बेखबर हूं नीर सी,
तू मेरा बहाब सा,
मैं मौसम हूं पतझड़ की,
तू मेरा श्रृंगार सा,
मैं बलखाती हुई नदिया सी,
तू मेरा धार सा, मैं चंचल सी हवा हूं,
तू मेरा झुकाब सा ।

(Anushma)

©(Anu..)
  dear God
anu3050738284685

anu..

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dear God #कविता

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