रुक जाना होगा । भाग - 08 #s.s... "जाने का मन न था यश का रुकता भी कैसे बेचारा 😞 घर के दरवाज़ें पर पड़ा था खत उसका फ़ौजी का फर्ज़ था उसका 🇮🇳 देश की रक्षा कर्तव्ये था उसका फ़ौजी सराहत पर ज़रूरी अभी ऐसा पड़ा था खत उसका ।।" * * * *