एक कोरा कागज़ है हांथों में, कलम जेब में रखी हुई है, कुछ कविताएं लिखना है बस पंक्तियां अभी नहीं पूरी हुई है, अधूरी हैं कुछ इस तरह की लगती पूरी हैं, पर लिखती नही क्यों की लिखने लगों तो लगती अधूरी हैं, अजीब सी कश्मकश है ये भी एक कवि की कुछ कह दे तो भी बातें बाकी रह ही जाती हैं, और जब बताने आए तो सारी बातें कही भी नही जाती हैं... एक कोरा कागज़... #mywritingmywords #mywritingmythoughts #writing #कोरा_कागज #loveforwriting #writerfromsoul