चलो मैं भी तुम्हारे साथ जंग लड़ूंगा मजहब का, एक काम कर दो, मां की लोरी से चांद हटा दो, या हटा सको तो खेतों से हरियाली हटा दो, कम से कम सुबह का वो भगवा रंग हटा दो, ऐसे खड़े बेचैन क्यू हो कुछ तो करो अब मौन क्यू हो। अब सुनो तुम्हे कुछ सुनता हूं, असली भारत के सपुतो से पहचान तुम्हारी करता हूं, ये वही भाई है जो ईद में गले तुम्हे लगते है, मां दुर्गा की मूरत ये श्रद्धा सहित बनाते है, जात पात से ऊपर उठ साथ ईद हम मानते है, दीपावली में एक साथ कामयाबी किं दीप जलाते है, बचपन गुजरा जिसके साथ उसको भाई सा मानते है, हिन्दू मुस्लिम नहीं जानते सिर्फ हिंदुस्तानी जानते है। Thanks to Ghulam Mustafa #india #bharat #hindustani #bhaijaan #eid #diwali YourQuote Didi YourQuote Bhaijan SANKET PRAKASH Sahil Srivastava Nihal srivastava