भारत में आज विचित्र हो रहा है जिसकी कल्पना हम कल कर ना सकते थे वह आज चित्रित हो रहा है मानव समाज आज ध्वस्त हो रहा है जिसके कारण इंसान की इंसानियत का अस्त हो रहा है समाज और देश का आज कौन बन कर रहे है सभी इंसान आज जाति धर्म का पाखंड उड़े हुए हैं एक इंसान आज अपने नाम बदल कर कपूर खान बन कर जीते हैं दूसरे इंसान बदले तो चाकू छुरी निकल रहे हैं क्या और बताऊ भारत में क्या हो रहा है ,ख्याल करके देख विचित्र हो रहा है शिक्षा आज व्यापार बन गया है ,पैसे से डिग्री पैसे वाले खरीद लिया है देश के सीमा पर मर तो रहे हैं जवान अंदर देश में उनके नाम कि राजनीति खिल रहा है मान भी लोग इसे रहे हैं इसलिए मैं कह रहा हूँ ,कि भारत में विचित्र हो रहा है लोगो की देश भक्ति का तो और मत कहो पंद्रह अगस्त छब्बीस जनवरी नजदीक तो आने दो देखो गे उस दिन वंदे के नारे लगंगे शहीदो और वीरो के गाने बजंगे दूसरे दिन भक्ति का नशा उतरेगी तीसरे दिन वही फिर नशा पंद्रह अगस्त छब्बीस जनवरी को चढे़ गी आज स्वार्थी लोग बन उभर गये हैं इस कारण समस्या आज जगह जगह देश में विस्फोट कर रहे हैं आज भारत में विचित्र हो रहा है ख्याल न कर सको वो चित्रित हो रहा है चित्रित हो रहा है "Devid Devid " #DeenDayalUpadhyay