साथ होने के सपने सब हुए चकनाचूर, दीवाली की रात आकाश घर से है दूर। पूरे भारत में उजाला मेरे रूम में अंधेरा, मुझे साफ़ साफ़ दिख रहा कौन किसका कौन मेरा। काली रात अमावस्या की मैं अकेला, कहां गए वो सब जो कहते थे तू है मेरा, मुझ पर हंसे आज तुम सारे के सारे, भूल गए बेटे कल होगा सवेरा। नए तेज के साथ नया सूरज निकलेगा मेरा, आने वाला Time बस मेरा ही मेरा, ताजमहल के शहर में आकाश का बसेरा, श्री राम का मैं भक्त मां के चरणों में है डेरा। पिता जी का आशीर्वाद भैया का स्वाभीमान, तभी M S V A अकेला भतेरा, तय है ये बात तू जहन में उतार ले, जब घड़ी होगी तेरी Time होगा मेरा। 08:00 PM 7 Nov. 2018. My first Diwali when I was not with my family. #MSVA