मेजर डोण्डियाल की पत्नी के भाव: वतन को तुमने चाहा था, मैं उतना तुमको चाहूँगी। समर्पित तन किया तुमने, मैं तुमको मन से चाहूँगी। ज़रा देखे ज़माना भी, कि कैसा प्रेम होता है। ये मेरा प्रेम ऐसा है। तुम्हें हरदम मैं चाहूँगी। कि मेरे रोम में हो तुम, तुम्हीं इन बाजुओं में हो। सुबकती सिसकियों में भी, तुम्हीं इन आँसुओं में हो। तुम्हारे बाद हूँ तन्हा। नहीं ऐसा समझना तुम। तुम्हारी साँस है मुझमें। यहीं तुम खुशबुओं में हो। करूँ अंतिम विदा तुमको, कभी तो मुस्कुराऊँ मैं। लिया वादा था तूने ये, ये कैसे भूल जाऊँ मैं। तुम्हारा शोक जाने का, मनाना मैं कहाँ जानूँ। तेरी अंतिम विदाई में, प्रणय के गीत गाऊँ मैं। #पुलवामा हमले के शहीद मेजर डोण्डियाल के पार्थिव शरीर को चूमती उनकी पत्नी के भाव