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दिसंबर, चाय और ठंड दिसंबर का महीना तुम्हारा यूँ मि

दिसंबर, चाय और ठंड दिसंबर का महीना तुम्हारा यूँ मिलना
ठिठुरते हाथों से जब भी बनाती थी चाय
तब तुम्हारा करीब आकर अपने जिस्म की गर्माहट
से मेरे हाथों को गर्म करना दिल को बहुत भाय
तुम्हारा अपने हाथों से चाय पिलाना
प्यार भरी बाते कर मुझे गले से लगाना
अपने मिलन की यादे ताज़ा करना
कुछ यूं होता है दिसंबर का आगाज़
बयाँ करते है हम ज़िन्दगी के हर राज़
तुम्हारी बाहों में कब वक़्त निकल
जाता है की भूल जाती हूँ
मैं अपना हर काम काज़ #दिसंबर_चाय_और_ठंड #दिसम्बर #चाय
#ठंड #तुम्हाराप्यार #nojotohindi
#nojotoquotes #nojotopoem
#nojotowriters #आगाज़
दिसंबर, चाय और ठंड दिसंबर का महीना तुम्हारा यूँ मिलना
ठिठुरते हाथों से जब भी बनाती थी चाय
तब तुम्हारा करीब आकर अपने जिस्म की गर्माहट
से मेरे हाथों को गर्म करना दिल को बहुत भाय
तुम्हारा अपने हाथों से चाय पिलाना
प्यार भरी बाते कर मुझे गले से लगाना
अपने मिलन की यादे ताज़ा करना
कुछ यूं होता है दिसंबर का आगाज़
बयाँ करते है हम ज़िन्दगी के हर राज़
तुम्हारी बाहों में कब वक़्त निकल
जाता है की भूल जाती हूँ
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