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बस यूंही... ग़म की डली कभी चखी नहीं समझा रहें हैं

बस यूंही...

ग़म की डली कभी चखी नहीं
समझा रहें हैं उसका ज़ायक़ा 

ऐ वाइज़,  नसीहत तेरी हमें अच्छी लगी 
     musings - 26/9/18
बस यूंही...

ग़म की डली कभी चखी नहीं
समझा रहें हैं उसका ज़ायक़ा 

ऐ वाइज़,  नसीहत तेरी हमें अच्छी लगी 
     musings - 26/9/18