मैं कोई मोम नहीं जो पिघल जाऊ मैं कोई लेहर नहीं जो समूद्र में ऊतर जाऊ शान से जिने की आदत है मूझे जलता हुआ चराग नहीं जो हबा से डर जाऊ। इन्तीजार शायर कोटरा intezar shayer shayer #DryTree