दोहा - रघुवर। रघुवर देख रहे नभ से, मानव का हर कार्य। मनुष्य योनि में भेजा, बने वह जंतु जात।। धरा पर आए रघुवर, करने सबको समान। जात-पात ना भेदभाव, सब हे उनकी संतान।। सृष्टि का निर्माण किए, रघुवर आप महान। बुद्धि विवेक थोड़ा दीजिए, बने हम इंसान।। तन में आप, मन मे आप, धरती के कण-कण में आप। प्रभु जीवन जीने का, मंत्र बताए, सदा रहे रघुवर के दास।। आशीष राय दोहा - रघुवर। #nojoto #nojotohindi