अगर हम मिल गए होते,फूल दिल के खिलाफ गए होते शायरी भी नहीं होती,लब भी सिल गए होते बातों में शरारत नहीं होती,तारीफ़ की आदत भी नहीं होती दरिया के दो किनारे भी आपस में मिल गए होते कोई बेबस भी नहीं होता,कोई बेताबी भी नहीं होती बिना नशे में उतरे ही,मन के सब पर्दे हिल गए होते लिखना तो कुछ होता,लिख हम कुछ रहे होते बिना नश्तर के नासूर भी हवा से छिल गए होते बिछड़ते वक्त आंखों ने गज़ल भी सुनाई थी न ख़ामोशी को था तुमनें समझा,न हमनें दी दुहाई थी थोड़ी दूर अगर संग चलते तो कदम मिल गए होते मेरी आवारगी की वजहों में,तुम शामिल नहीं होते... © trehan abhishek #yqbaba #yqdidi #korakaghaz #yqrestzone #yqastheticthoughts #lovestory #manawoawaratha